सोमवार, 11 अप्रैल 2011

क्या गांधी जी राष्ट्रपिता हैँ ?


गांधी जी के कट्टर भक्त, भारत की केन्द्रिय सरकार और कुछ हमारे अपने भारतवासी जो भारत की संस्कृति और इतिहास से अनभिज्ञ हैँ गांधी जी को राष्ट्रपिता कहते हैँ । गांधी जी भी अपने आपकोँ राष्ट्रपिता कहलाने मेँ गर्व का अनुभव करते थे । भारत एक सनातन राष्ट्र हैँ और यहाँ की संस्कृति अरबोँ वर्ष पुरानी हैँ । इससे पुराना राष्ट्र विश्व मेँ कोई दूसरा नहीँ हैँ, तो फिर इसका पिता अट्ठारहवीँ - उन्नीसवीँ ईसाई सदी मेँ कैसे पैदा हो सकता हैँ ! यह महान आश्चर्य की बात है कि अरबोँ वर्षो से यह राष्ट्र बिना पिता के कैसे चल रहा था ?
राष्ट्रपिता की अवधारणा पाश्चात्य मैकालेवाद की देन हैँ । भारत की संस्कृति तो पृथ्वी को, जन्म भूमि को माता के रूप मेँ देखती हैँ और अपने आपकोँ उसका पुत्र मानती हैँ । यदि हम पाश्चात्य अवधारणा पर ही विचार करेँ, तो जो अन्न, विद्या और सुशिक्षा आदि का दान देकर पालन - पोषण और रक्षण करता हैँ, वहीँ पिता कहलाता हैँ । तो क्या गांधी जी ने शास्त्र की आज्ञानुसार इस राष्ट्र का पोषण और रक्षण किया था जो वह राष्ट्रपिता हुये ? जबकि वास्तव मेँ गांधी जी एक ऐसे अहिँसक मसीहा थे जिन्होँने अपने निजी स्वार्थ के लिये स्वतंत्र अखण्ड भारत के उपासक सच्चे देशभक्तोँ को नष्ट कराया और बाद मेँ भारत माता को भी टुकडोँ मेँ विभाजित करा दिया । यदि गांधी जी चाहते तो पाकिस्तान नहीँ बनता ।
गांधी जी इस राष्ट्र के पिता हैँ, तो यह राष्ट्र उनका पुत्र हुआ और जो अपने पुत्र के टुकडे करा देँ, वह पुत्र का रक्षक हुआ या भक्षक ? वास्तव मेँ गांधी जी इस राष्ट्र के पिता तो क्या पुत्र कहलाने के लायक भी नहीँ थे, क्योँकि पुत्र वह होता हैँ जो अपने पिता को दुर्गति से बचाता हैँ । आधुनिक भारत राष्ट्र की दुर्गति करने वाले ही सिर्फ गांधी जी थे, इसलिए वे इस राष्ट्र के पिता तो क्या, पुत्र भी कहलाने के अधिकारी नहीँ हैँ ।
* मैं जानता हूँ कि करोड़ों भारतवासी जो गांधी जी में आस्था रखते है मेरे इस एक लेख से मेरे विरूद्ध हो जायेगे , मुझे उनके आक्रोश का शिकार भी होना पड सकता है , पर क्या करूँ , सच को झुठलाने का सामर्थ्य मुझमें नहीं है । मैं मानता हूँ कि देवता भी गलती कर सकते है तो इसमें गांधी जी या गोडसे जी अपवाद कैसे हो सकते है , थे तो आखिर वे मनुष्य ही ।
इस लेख पर कोई अन्तिम निणर्य देने से पूर्व इसी ब्लॉग पर लिखे निम्नलिखित लेख :-
1. अखण्ड भारत के स्वप्नद्रष्टा वीर नाथूराम गोडसे भाग - एक , भाग - दो , भाग - तीन
2. वीर महात्मा नाथूराम गोडसे एक नया दृष्टिकोण
3. इरविन - गांधी समझौता और भगतसिंह की फाँसी भाग - एक , भाग - दो
4. क्रान्तिकारी सुखदेव का गांधी जी के नाम खुला पत्र
5. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के प्रति गांधी जी का द्वेषपूर्ण व्यवहार
6. गांधी जी नेहरू की दृष्टि में ?
7. गौहत्या पर प्रतिबंध के खिलाप गांधी - नेहरू परिवार
8. गांधी जी और हिन्दी भाषा
...... भी पढें और फिर अपना निश्पक्ष निर्णय दे कि क्या गांधी जी राष्ट्रपिता है ?
विश्वजीत सिंह 'अनंत'

6 टिप्‍पणियां:

  1. Gandhi Ji Bharat Ke Rashtrapita ho ya na ho but Vo Pakistan ke Pita jarur the Kyon ki unhi ke karan 5 Lakh se jyada Nirdoso ke Khoon se Pakistan ka Janm HUya...............................Unhe to Pakistan ka Pita Kaha jana Chaiyen

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  2. Main Aapki Tippdi se puri tarah sahmat huan. Gandhi Jaise Katil Ko pahle hi maar dena chahiye tha. Kamine Ne Sex ke uppar kitab likhni thi kaha wo logo ko muslmano se marwane lag gaya

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  3. गांधीजी को मार दिया वैसेही नेहरू खानदान को मार दिया होता तो आज ये दिन देखणे को नाही मिलता

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  4. hum itihash ke panno ko badal nhi sakte....
    hum ab apne desh k liye kuch karna hoga...
    in sab faltu bato per na lade to hi hamare desh ka aaj sudhar sakta h ...otherwise phir se kisi nathuram ko fashi per chdhna hoga........
    ram ram

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  5. Hum ye kehna chahte hain ki ab hme kya karna chahiye. Hum abhi virodh karne ke siva kuch nahi kar sakte. Virodh karne par hme kanoon ka samna bhi karna pad sakta hai kyun ki bharat ka system gandhi ji ka virodh sehan nahi karega.

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  6. भाई मैं आपके विचार से पूरी तरह सहमत हूँ।

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