रविवार, 14 नवंबर 2010

नाथूराम गोडसे के शहीद दिवस 15 नवम्बर के अवसर पर, फाँसी लगने से 5 मिनट पूर्व दिया गया उनका दिव्य संदेश

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वास्तव मेँ मेरे जीवन का उसी समय अन्त हो गया था जब मैँने गाँधी जी पर गोली चलायी थी । मैँ मानता हूँ कि गाँधी जी ने देश के लिए बहुत कष्ट उठाए । जिसके कारण मैँ उनकी सेवा के प्रति एवं उनके प्रति नतमस्तक हूँ, लेकिन इस देश के सेवक को भी जनता को धोखा देकर मातृभूमि के विभाजन का अधिकार नहीँ था । मैँ किसी प्रकार की दया नहीँ चाहता हूँ । मैँ यह भी नहीँ चाहता कि मेरी ओर से कोई और दया की याचना करेँ । यदि अपने देश के प्रति भक्ति-भाव रखना पाप है तो मैँ स्वीकार करता हूँ कि यह पाप मैँने किया है । यदि वह पुण्य है तो उससे उत्पन्न पुण्य पर मेरा नम्र अधिकार है । मुझे विश्वास है की मनुष्योँ के द्वारा स्थापित न्यायालय से ऊपर कोई न्यायालय हो तो उसमेँ मेँरे कार्य को अपराध नही समझा जायेगा । मैँने देश और जाति की भलाई के लिए यह कार्य किया है ! मैँने उस व्यक्ति पर गोली चलाई जिसकी नीतियोँ के कारण हिन्दुओ पर घोर संकट आये और हिन्दू नष्ट हुए ! मुझे इस बात मेँ लेशमात्र भी सन्देह नहीँ की भविष्य मे किसी समय सच्चे इतिहासकार इतिहास लिखेँगे तो वे मेरे कार्य को उचित आंकेगे । - नाथूराम गोडसे

17 टिप्‍पणियां:

  1. दिमाग हिला कर रख दिया, हालांकि मैं तो पहले से ही गोडसे के बारें में सत्य जानना चाहता था.

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  2. अंतहीन चर्चा का विषय है !....लेकिन प्रश्न है की क्या गोली से गांधी मर गए?

    अगर गांधी स्वाभाविक मौत ,या किसी लम्बी बीमारी से खाट पर सड़े मरते तो

    शायद आज कम-स-कम नई नस्ल तो उन्हें भूल चुकी होती !गोडसे की गोली ने

    गांधी के दर्शन, विचारधारा और गांधी को ज़िंदा कर दिया ! बड़ी भूल की !

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    1. प्रशांत जी आपकी बात ठीक है परन्तु ये सोचिये की अगर ऐसा होता जैसा की आप कहा रहे है तो आज भारत के दो हिस्से हो चुके होते उत्तरी भारत और दक्ष्णि भारत

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  3. आदरणीय योगी जी आपका कथन सत्य हैं कि श्री गोडसे जी ने गांधी जी का वध कर उन्हें अमर कर दिया । लेकिन यदि गोडसे गांधी वध न करते तो आज हैदराबाद भारत में न होता और भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी न होकर हिन्दुस्तानी ( उर्दू लिपि में लिखे जाने वाली ग्रामीण हिन्दी ) भाषा होती ।

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  4. प्रकाश त्यागीजी गोडसेजी देश का और अधिक नुकसान नही करना चाहते थे

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  5. http://hindibhojpuri.blogspot.com/2011/07/blog-post_13.html देखिए, बंधु!

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  6. Pata nahin mere dil mei gandhi ke liye jo nafrat hai wo sahi hai ya galat..Magar apni soch main aap logon ke saamne zaroor rakhn achahoonga....
    Mera maanna hai ki gandhi ki wajah se hi aatankwaad ka janm hua...Muslim samudaay Hindustan ke batware ke baad hi terrorism mein sabse aage aaya...Aaj hamne jahan bhi terrorism ka naam suna , wahan sirf aur sirf muslims ka hi naam sunai diya...(Agar main galat hoon to zaroor theek kijiyega)..Aur poore vishwa mein sabse bada mudda terrorists ke liye kashmir ki azaadi hi hai...Hindustan pakistan ke beech ki is ladai mein laakhon log maare j achuke hain aur jab tak kalyug rahega , maare jaate rahenge...Yeh ladai jo kashmir ke muude per hai , yeh Bharat vibhajan ke baad se hi shuru hui...Aur Bharat vibhajan ka uttardaayi main gandhi ke alawa kisi aur ko nahin samajhta...Halanki jawaharlal nehru aur Mohd. Ali Jinna bhi iske liye responsible the..but agar gandhi ne chaha hota to wo is vibhajan ko rukwa sakte the....Laakhon hindu beghar hue ..hazaron muslim tabah hue....In logon ke dimag se socho jinhone apna sab kuch , apna ghar parivaar , apne bachhon ko apni aankhon ke saamne is aag mein jalte hue dekha aur fir khud bhi usi aag mein jal gaye...unse poocho ki gandhi ne sahi kiya ya galat..aur agar galat kiya to kya unko unki is galati ke liye maaf kar dena chahiye.....Main gandhi ko aatankwaad ka janmdaata maanta hoon...Yeh mat kahiyega ki bahut ghatiya soch rakhta hoon main....Meri is soch mein galati kahan hai...bas itna bata dijiye......

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  7. Aaj bhi Jarurat he Nathuram Godse ki iss Hindustan ko.......Jai ho veer Purush....

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  8. nathuram godse is very brave patriot of INDIA.
    BAAT MEI dum HAI

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  9. hlanki mujhe pahli baar nathuram godse k baare me pata chala,,me godse ki baat se sahmat hon,,,ki desh ka vibhajan nahin hona chahiye tha.

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  10. नाथूराम गोडसे को मेरा शत शत नमन ...इन्होने जो किया बिलकुल ठीक किया गाँधी इसी लायक था ..

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  11. @आशु सरी
    सही कहा आप ने
    गाँधी नेहरु और जिन्हा ने सता हासिल करने के लिए ही देश का विभाजन कर दिया ये लोग सिर्फ सता ही हासिल करना चाहते थे
    सभी को पता होगा की कांग्रेस पार्टी ने पहले पूरण सवराज की मांग नही की थी वो तो सिर्फ अंग्रेजो से सता हासिल करना कहते थे
    पर क्रान्तिकारियो के पूरण सवराज से लोगो को जुड़ता देख कांग्रेस को भी पूरण सवराज की मांग करनी पड़ी
    और गाँधी ने खिलाफत आन्दोलन का सम्रथन कर मुस्लिम्स का तुस्टीकरण किया जो की इरान के शासक के समर्थन में हो रहा था
    और आजादी के बाद हुए पहले इंडो पाक युद्ध में नेहरु ने UNO में जा कर कश्मीर समस्या को देश के लिए नासूर बना दिया

    इस सब के बाद भी कांग्रेस के नेताओ ने देश का बेडागर्क करने का कोई मोका नही छोड़ा
    1965 और 1971 के युद्ध में भारत की कांग्रेस सरकार ने जीते हुए AREAS पाकिस्तान को बिना किसी सरत के लोटा दिए
    भारत की सेना ने पाकिस्तान के 90000 सेनिक बंधक बना लिए थे जिन के जरिये भारत पाकिस्तान पर दवाब बना सकता था पर ये सनिक बिना किसी शरत के पाकिस्तान को वापिस दे दिए गए
    1970 - 1980 के पंजाब समस्या के लिए इन्द्र गाँधी जिमेवार थी कियो की अकाली दल को पंजाब में कमजोर करने और पंजाब में अपनी ताकत बढाने के लिय ही उसने भिंडरावाला को अकाली दल के खिलाफ खड़ा किया था और उसे पूरी तरह समर्थन दिया था जो की बाद में देश के लिय गंभीर समस्या बन गयी और ब्लू स्टार ऑपरेशन हुआ और कई बेगुनाह भी मरे गए
    इस ऑपरेशन के कारण ही इन्द्रा गाँधी पर हमला हुआ और जिस के कारण हुए सिख कत्लेमाम में हजारो बेगुनाह सिख मारे गए
    इस तरह गाँधी और कांग्रेस ने हमेशा ही देश का बेडा गर्क किया

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