सोमवार, 13 दिसंबर 2010

अखण्ड भारत के स्वप्न द्रष्टा - वीर नाथूराम गोडसे भाग-2



जैसा कि पिछले भाग मेँ बताया गया है कि श्री नाथूराम गोडसे व अन्य राष्ट्रवादी युवा गांधीजी की हठधर्मिता और मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति से क्षुब्ध थे, हिन्दुस्थान की जनता के दिलोँ मेँ गांधीजी के झूठे अहिँसावाद और नेतृत्व के प्रति घृणा पैदा हो चुकी थी । उस समय गांधीजी के चरित्र पर भी अंगुली उठ रही थी जिसके चलते वरिष्ठ नेता जे. बी. कृपलानी और वल्लभ भाई पटेल आदि नेताओँ ने उनसे दूरी बना ली । यहा तक की कई लोगोँ ने उनका आश्रम छोड दिया था । अब उससे आगे के बयान .......
इस बात को तो मैँ सदा से बिना छिपाए कहता रहा हूँ कि मैँ गांधीजी के सिद्धांतोँ के विरोधी सिद्धांतोँ का प्रचार कर रहा हूँ । यह मेरा पूर्ण विश्वास रहा है कि अहिँसा का अत्याधिक प्रचार हिन्दू जाति को अत्यन्त निर्बल बना देगा और अंत मेँ यह जाति ऐसी भी नहीँ रहेगी कि वह दूसरी जातियोँ से, विशेषकर मुसलमानोँ के अत्याचारोँ का प्रतिरोध कर सके ।
हम लोग गांधीजी की अहिँसा के विरोधी ही नहीँ थे, प्रत्युत इस बात के अधिक विरोधी थे कि गांधीजी अपने कार्यो और विचारोँ मेँ मुस्लिमोँ का अनुचित पक्ष लेते थे और उनके सिद्धांतोँ व कार्यो से हिन्दू जाति की अधिकाधिक हानि हो रही थी ।
मालाबार, नोआख्याली, पंजाब, बंगाल, सीमाप्रांत मेँ हिन्दुओँ पर अत्याधिक अत्याचार हुयेँ । जिसको मोपला विद्रोह के नाम से जाना जाता है । उसमेँ हिन्दुओँ की संपत्ति, धन व जीवन पर सबसे बडा हमला हुआ । हिन्दुओँ को बलपूर्वक मुसलमान बनाया गया, स्त्रियोँ के अपमान हुये । गांधीजी अपनी नीतियोँ के कारण इसके उत्तरदायी थे, मौन रहे । प्रत्युत यह कहना शुरु कर दिया कि मालाबार मेँ हिन्दुओँ को मुसलमान नहीँ बनाया गया ।यद्यपि उनके मुस्लिम मित्रोँ ने यह स्वीकार किया कि सैकडोँ घटनाऐँ हुई है । और उल्टे मोपला मुसलमानोँ के लिए फंड शुरु कर दिया ।
कांग्रेस ने गांधीजी को सम्मान देने के लिए चरखे वाले ध्वज को राष्ट्रीय ध्वज बनाया ।प्रत्येक अधिवेशन मेँ प्रचुर मात्रा मेँ ये ध्वज लगाये जाते थे । इस ध्वज के साथ कांग्रेस का अति घनिष्ट सम्बन्ध था । नोआख्याली के 1946 के दंगोँ के बाद वह ध्वज गांधीजी की कुटिया पर भी लहरा रहा था, परन्तु जब एक मुसलमान को ध्वज के लहराने पर आपत्ति हुई तो गांधी ने तत्काल उसे उतरवा दिया । इस प्रकार लाखोँ - करोडोँ देशवासियोँ की इस ध्वज के प्रति श्रद्धा को गांधी ने अपमानित किया । केवल इसलिए की ध्वज को उतारने से एक मुसलमान खुश होता था ।
कश्मीर के विषय मेँ गांधी हमेशा यह कहते रहे की सत्ता शेख अब्दुल्ला को सौप दी जाये, केवल इसलिए की कश्मीर मेँ मुस्लिम है । इसलिए गांधीजी का मत था कि महाराजा हरिसिँह को संन्यास लेकर काशी चले जाना चाहिए, परन्तु हैदराबाद के विषय मेँ गांधी की नीति भिन्न थी । यद्यपि वहाँ हिन्दूओँ की जनसंख्या अधिक थी, परन्तु गांधीजी ने कभी नहीँ कहा की निजाम फकीरी लेकर मक्का चला जायेँ ।
जब खिलापत आंदोलन असफल हो गया तो मुसलमानोँ को बहुत निराशा हुई और अपना क्रोध हिन्दुओँ पर उतारा । गांधीजी ने गुप्त रुप से अफगानिस्तान के अमीर को भारत पर आक्रमण करने का निमन्त्रण दिया, जो गांधीजी के लेख के इस अंश से सिद्ध हो जाता है - " मैँ नही समझता कि जैसे खबर फैली है, अली भाईयोँ को क्योँ जेल मेँ डाला जायेगा और मैँ क्योँ आजाद रहूँगा ? उन्होँने ऐसा कोई कार्य नही किया है जो मैँ न करु ।यदि उन्होँने अमीर अफगानिस्तान को आक्रमण के लिए संदेश भेजा है, तो मैँ भी उनके पास संदेश भेज दूँगा कि जब वो भारत आयेँगे तो जहाँ तक मेरा बस चलेगा एक भी भारतवासी उनको हिन्द से निकालने मेँ सरकार की सहायता नहीँ करेगा ।"
मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए गांधी ने एक मुसलमान के द्वारा भूषण कवि के विरुद्ध पत्र लिखने पर उनकी अमर रचना शिवबवनी पर रोक लगवा दी, जबकि गांधी ने कभी भी भूषण का काव्य या शिवाजी की जीवनी नहीँ पढी । शिवबवनी 52 छंदोँ का एक संग्रह है जिसमेँ शिवाजी महाराज की प्रशंसा की गयी है । इसके एक छंद मेँ कहा गया है कि अगर शिवाजी न होते तो सारा देश मुसलमान हो जाता । गांधीजी को ज्ञात हुआ कि मुसलमान वन्दे मातरम् पसंद नही करते तो जहाँ तक सम्भव हो सका गांधीजी ने उसे बंद करा दिया ।
राष्ट्रभाषा के विषय पर जिस तरह से गांधी ने मुसलमानोँ का अनुचित पक्ष लिया उससे उनकी मुस्लिम समर्थक नीति का भ्रष्ट रुप प्रगट होता था । किसी भी दृष्टि से देखा जाए तो यह स्पष्ट है कि इस देश की राष्ट्रभाषा बनने का अधिकार हिन्दी को है । गांधीजी ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत मेँ हिन्दी को बहुत प्रोत्साहन दिया । लेकिन जैसे ही उन्हेँ पता चला कि मुसलमान इसे पसन्द नही करते, तो वे उन्हेँ खुश करने के लिए हिन्दुस्तानी का प्रचार करने लगे । बादशाह राम, बेगम सीता और मौलवी वशिष्ठ जैसे नामोँ का प्रयोग होने लगा । मुसलमानोँ को खुश करने के लिए हिन्दुस्तानी (हिन्दी और उर्दु का वर्ण संकर रुप) स्कूलोँ मेँ पढाई जाने लगी । इसी अवधारणा से मुस्लिम तुष्टिकरण का जन्म हुआ जिसके मूल से ही पाकिस्तान का निर्माण हुआ है ।
गांधीजी का हिन्दू मुस्लिम एकता का सिद्धांत तो उसी समय नष्ट हो गया जिस समय पाकिस्तान बना । प्रारम्भ से ही मुस्लिम लीग का मत था कि भारत एक देश नही है । हिन्दू तो गांधी के परामर्श पर चलते रहे किन्तु मुसलमानोँ ने गांधी की तरफ ध्यान नही दिया और अपने व्यवहार से वे सदा हिन्दुओँ का अपमान तथा अहित करते रहे । अंत मेँ देश का दो टुकडोँ मेँ विभाजन हो गया और भारत का एक तिहाई हिस्सा विदेशियोँ की भूमि बन गया ।
32 वर्षो से गांधीजी मुसलमानोँ के पक्ष मेँ कार्य कर रहे थे और अंत मेँ उन्होँने जो पाकिस्तान को 55 करोड रुपये दिलाने के लिए धूरर्ततापूर्ण अनशन करने का निश्चय किया, इन बातोँ ने मुझे गांधी वध करने का निर्णय लेने के लिए विवश कर दिया । 30 जनवरी 1948 को बिडला भवन की प्रार्थना सभा मेँ देश की रक्षा के लिए मैने गांधी को गोली मार दी ।
क्रमश ......
विश्वजीत सिंह 'अनंत'

25 टिप्‍पणियां:

  1. एक तथ्य मैं और बताना चाहूँगा की हैदराबाद के निजाम ने हिन्दुओं पर जजिया लगा दिया था | तब श्री नाथूराम विनायक गोडसे जी के नेतृत्व में आन्दोलनकारियों का पहला दल हैदराबाद गया था और उन्ही के न्दोलन के कारन हैदराबाद के निजाम को जजिया वापस लेना पड़ा था |

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  2. आज यदि लाल किले मेँ भारत का झंडा लहराता हैँ और जम्मू कश्मीर व हैदराबाद भारत के अंग हैँ तो इसका श्रेय परम पूज्य महात्मा गोडसे सहित उन वीरोँ को जाता हैँ जिन्होँने अपने प्राणोँ की परवाह किये बिना गांधीजी को मुक्ति दी और इस देश को ओर टुकडोँ मेँ विभाजित होने से बचा लिया ।

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  3. Laal Qila bhi ek musalmaan ne banaya hai, aur Bharat ke kaee chiz musalmano ka hai....magar phir bhi kuch log nainsafi kar rahe hai.

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    1. ho kon tum or chupkar kya baat karta h.... laal kila banane ke liye mitti pani kya mushalman apne baap ke ghar se laaye the wo bhart ka tha or ushe banane wale bhi.. samjhe.........................!

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  4. yar benami tum muslim ho kya jo bolte hi rehte ho.
    me manta hu sab muslim ek se nhi hote but kya tum is bat ko nkar sakte ho ki world me sabse jyada muslim aatankvad karte h.jab muslim ko separate country mil gyi thi fir india me kya ker rhe hai.congress to az bhi muslim se vote lene ke liye unka galat mamlo me bhi sath deti h..

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  5. बेनामी भाई यदि आप इतिहास की सच्चाई को निश्पक्ष रूप से स्वीकार करने की शक्ति रखते हो तो सुनो ... आज का लालकिला सन 1060 में अनंगपाल द्वितीय द्वारा निर्मित " लालकोट " है । मुगलकाल में शहाजहाँ के चाटुकारों ने इसके नाम से ' कोट ' शब्द को हटाकर ' किला ' थोप दिया था । यदि लालकिले का ईमानदारी पूर्वक पुरातत्त्वीय सर्वेक्षण किया जाए तो सच सामने आ जायेगा ।
    शहाजहाँ एक अरब साम्राज्य वादी धर्मान्ध मुगल था । उसने गैर मुस्लिमों के अनेकों पूजा स्थलों और भवनों को तुडवाया था , यह बाते उसके अपने दरबारी लेखक द्वारा रचित ' बादशाहनामा ' में स्पष्ट लिखी है ।
    लाल किले के ' खास महल ' में सूअर के मुख वाले चार नल आज भी देखे जा सकते है । मुगलों को सूअरों से कितनी घृणा होती है यह सभी जानते है परन्तु हिन्दुओं के लिए सूअर स्नेह का पात्र है क्योंकि वे विष्णु भगवान के वराह अवतार की पूजा करते है । क्या यह लालकिले के हिन्दू मूल का प्रमाण नहीं है ?
    बेनामी भाई आखिर हम कब तक विदेशी आक्रांताओं के नाम पर अपने राष्ट्र के गौरवशाली इतिहास को विकृत करते रहेंगे , आप यह क्यों नहीं सोचते कि भारत के मुसलमान अत्याचारी मतान्ध औरंगजेब की सन्तान न होकर इब्राहीम गारदी , अशफाक उल्ला खाँ और महाराणा प्रताप की सन्तान है , तुम्हारे आदर्श अरब के आक्रांता न होकर राम , कृष्ण , गोबिंद सिंह और शिवाजी है ।

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  6. mai chahta hun yahan aur muslim apna openion de.mai v janu kya kya unke amdar hai..ali jinna ka pata nahi lekin bhagat sing aur janam le chuke hai.aur ye baat keh du aaj v jitna ejjat muslim ka india me hota hai hai kahin nahi hota..

    aaplog burkha kyun pehnte ho jara mujhe batana to...aur ulta hath dhona kahan se sikha?

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  7. Ye jankar bahot bura laga ki Nathuram Godaseji ne desh ke liye itana kuch kiya aur aaj koi une yaad b nahi karata . Mai unke bare me aur padhana chahungi . is Deshbhakt ko mera dilse salam . aur unaki aakhari icha puri ho aisi bhagawan ko prarthana karungi .

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  8. में आपके लेख से पूर्णतया सहमत हूँ. महान राष्ट्रभक्त गोडसे के बारे में नयी जानकारी मिली..उसके लिए धन्यवाद.
    गाँधी एक संत थे और उन्हें महात्मा की उपाधि कांग्रेस ने नहीं बल्कि एक महान राष्ट्र भक्त सुभाष चन्द्र बोस ने दी थी, वे गाँधी जी का बहुत आदर करते थे पर उन्हें गाँधी का कभी समर्थन हासिल नहीं हुआ.
    मेरे विचार में गाँधी जी की वजह से ही देश ने एक वीर सपूत को खो दिया (बोस) और एक काले अँगरेज़ (नेहरु) को प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला.
    यह देश का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता हे की ऐसे अँगरेज़ परस्त और देशद्रोही लोग आज़ादी के बाद सत्ता में आये और आज भी देश में ऐसे ही लोगों की मानी जाती हे.
    आज देश को संपूर्ण क्रांति की जरूरत हे ताकि सता में केवल देशभक्त लोग ही आयें. वन्देमातरम.

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  9. usss param pujya bapu jinko ki sari duniya apna adarsh manati hain
    unake ke bare me aise durbodh karate sodh likhne me aap ke hath nahi kape.
    sharam aani chahiye aap ko..
    pahale aap nispaksh ho jayiye phir kuch kahiyega.
    be-aadhar ki bato ko nathuram ki bato ko hakikat man baithe hain aap..
    chitt ko nirmal kariye parinam swatahh parilakshit hone lagenge...
    jai hindustan

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  10. hi/mr. sikarvar.app bhi pehley thora sa padh lo phir aisi badi badi batain likhna /pehley apney dil say gandhism nikalo.itihas main aur bhi bahoot logon ne bharat ke lea jan di hai.kabhi time miley to hindustan ki history main sikhon ke barey main padh karr dekhna.aur iskey badley main jo sikhon ne hinustan ke ley kea.unhey kya milla .ishi gandi ne azadi se pehley kitney wadhey key they.aur ek bhi purra nahi hua.
    SIRF ITNA SOCHO K NATHU RAM KO KYA DUSHMANI THI EK HINDU HOTEY HUE GANDHI KI HATYA KARNE KI

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  11. if 55 crore issue was the cause of killing then why 4 attacks were made on Gandhije by these people when there was no any issue of 55 crore?

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  12. mujhe apke vichar aur apne jis sahajtarike se aapne bharat ke itihaas ke kuch raj bataye mujhe bahot ache lage

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  13. Nathu Ram Godse ji ne jo bhi kiya accha tha agar wo ye kadam nahi uthate to pata nahi aage aur kya kya hota un dino Gandhi Ji, Nehru Ji aur Md. Jinna Sahab ne apni niji swarth me sabhi logo ka istemal kiya jo sanche desh bakt the wo to mare gaye inlogo ko kuchh kyu nahi hua ye log un dino bhi rajniti kar rahe the aur unke family aaj bhi rajniti kar rahi hai aur ham hindu muslim bhaiyo ko aaj bhi aapas me kuchh na kuchh pahlu dekar lara rahi isliye mera aap sabhi bhai se ye nivedan hai ki sachai ko jane aur in gande rajniti karne walo se bache ???????????
    JAI HIND JAI BHARAT

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  14. Ye jankari achi hai.kaash k itihaaskaro ko sad-bhudhi miley aur Gandhi k kukarmo ko sara desh jaan paye....

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  15. We find this page a very important note. We self a teacher We give a all child.

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  16. Nathuram godse tumhe dil se salam kash tumne yeh kam kush samay pahle kar diya hoto to desh ka yeh hal na hota.jai hind jai bharat

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  17. Nathuram godse tumhe dil se salam kash tumne yeh kam kush samay pahle kar diya hoto to desh ka yeh hal na hota.jai hind jai bharat

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  18. हिंदूओ को एक करने का प्रयाश हमे करना चाहिये, भारतीय इतिहास की इस वास्तविकता को प्रत्येक हिन्दू भाई तक पहुचने का प्रयाश करना चाहिए। @SDC746

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