नेताजी सुभाष की कथित मृत्यु की घोषणा के बाद जवाहर लाल नेहरू ने 1956 मेँ शाहनवाज कमेटी तथा इन्दिरा गांधी ने 1970 मेँ खोसला आयोग द्वारा जांच करवाई तथा दोनोँ जांच रिपोर्टो मेँ नेताजी को उस विमान दुर्घटना मेँ मृत घोषित किया गया । लेकिन जिस देश मेँ यह दुर्घटना होने की खबर थी, उस ताइवान देश की सरकार से, इन दोनोँ आयोगोँ ने बात ही नहीँ की । 1978 मेँ मोरारजी देसाई सरकार ने इन रिपोर्टो को रद्द कर दिया । 1999 मेँ अटलबिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार ने इस प्रश्न का उत्तर खोजने के लिए मनोज कुमार मुखर्जी के नेतृत्व मेँ तीसरा आयोग बनाया गया । 2005 मेँ ताइवान सरकार ने मुखर्जी आयोग को बताया कि 18 अगस्त 1945 को ताइवान की भूमि पर कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ ही नहीँ था । मुखर्जी आयोग ने सोनिया गांधी की यूपीए सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौप दी, जिस मेँ उन्होँने कहा है कि नेताजी सुभाष की मृत्यु उस विमान दुर्घटना मेँ होने का कोई प्रमाण नहीँ हैँ । लेकिन यूपीए सरकार ने मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया । कांग्रेसनीत यूपीए सरकार द्वारा इस रिपोर्ट को रद्द किया जाना वीर महात्मा नाथूराम गोडसे के उस वचन की याद दिलाते हैँ जिसमेँ उन्होँने कहा था कि - ' गांधी व उसके साथी सुभाष को नष्ट करना चाहते थे । '
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का स्वप्न था स्वाधीन, शक्तिशाली और समृद्ध । नेताजी भारत को अखण्ड राष्ट्र के रूप मेँ देखना चाहते थे । लेकिन गांधी - नेहरू की भ्रष्ट साम्प्रदायिक तुष्टिकरण की नीतियोँ ने देश का विभाजन करके उनके स्वप्न की हत्या कर दी । दो धर्म - दो देश के आधार पर भारत का विभाजन करा दिया गया जो विश्व की सबसे बडी त्रासदी हैँ । कांग्रेस यदि नेताजी की चेतावनी पर समय रहते ध्यान देती और गांधीवाद के पाखण्ड मेँ न फंसी होती तो देश न बटता तथा मानवता के माथे पर भयानक रक्त - पात का कलंक लगने से बच जाता । नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का मानना था कि " आजादी का मतलब सिर्फ राजनीतिक गुलामी से छुटकारा ही नहीं हैं , देश की सम्पत्ति का समान बटवारा , जात-पात के बंधनों और सामाजिक ऊँच-नीच से मुक्ति तथा साम्प्रदायिकता और धर्मांधता को जड से उखाड फेंकना ही सच्ची आजादी होगी । "
आप सभी राष्ट्रवादियोँ से विनम्र निवेदन हैँ कि आप सब भी जाति - धर्म, पार्टी - संगठन आदि के भेद को भूलकर नेताजी के अधूरे स्वप्न को पूरा करने की दिशा मेँ अग्रसर होँ । वास्तव मेँ निस्वार्थ भाव से राष्ट्रहित मेँ अपना सर्वस्य न्यौछावर कर देने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के सच्चे नायकोँ मेँ से एक थेँ ।
जय नेताजी सुभाष
- विश्वजीत सिंह 'अनंत'